JEPC में खेलो झारखंड के आयोजन को लेकर राज्य स्तरीय बैठक, 24 जिलों से पहुंचे खेल प्रतिनिधि
रांची स्थित झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को खेलो झारखंड के सफल संचालन को लेकर राज्य स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में राज्य के सभी 24 जिलों से खेल कोषांग के प्रतिनिधि, खेल प्रभाग प्रभारी, एपीओ, एडीपीओ तथा चार-चार शारीरिक शिक्षा शिक्षक शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता निदेशक शशि रंजन ने की। उन्होंने जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
ग्रामीण खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान
बैठक में निदेशक शशि रंजन ने कहा कि प्रतियोगिताओं का आयोजन इस तरह किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले खिलाड़ियों को सीखने और निखरने का अवसर मिल सके। जिला समिति का लक्ष्य केवल राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए भी तैयार करना चाहिए। उन्होंने सभी शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को निर्देशित किया कि उनके विद्यालय के अधिक से अधिक खिलाड़ी खुली चयन प्रक्रिया में भाग लें और प्रतिस्पर्धा का माहौल मजबूत बने।

विशेष खेल को प्राथमिकता देने का सुझाव
निदेशक ने यह भी कहा कि प्रत्येक जिला किसी एक विशेष खेल को प्राथमिकता देकर उस क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाए। इससे जिले की खेल प्रतिभाओं को विशेष अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों से शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित खेलो झारखंड प्रतियोगिता का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। हमारे खिलाड़ी “अग्निवीर आर्मी भर्ती” जैसे अवसरों में सफल हो रहे हैं और खेल के दम पर अपने करियर की दिशा तय कर रहे हैं।
प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता पर जोर
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि प्रखंड और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक खिलाड़ी इन गतिविधियों में शामिल हो सकें। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन ए. सोरेंग ने कहा कि खेल आयोजन पूर्णतः पारदर्शी होना चाहिए। किसी भी खिलाड़ी के साथ भेदभाव या अन्याय नहीं होना चाहिए। साथ ही, आयोजन से संबंधित सभी रिपोर्ट समय-समय पर राज्य कार्यालय को प्रस्तुत की जानी चाहिए।

सफल आयोजन में राज्य खेल कोषांग की भूमिका
बैठक के सफल संचालन में राज्य खेल कोषांग के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और जिले में प्रतियोगिताओं के बेहतर संचालन को लेकर सुझाव दिए। बैठक में यह सहमति बनी कि खेलो झारखंड को राज्य की पहचान के रूप में स्थापित करने के लिए सभी जिलों को समर्पण और जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। इस मौके पर निदेशक ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में झारखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे।
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