JSSC CGL परीक्षा के रिजल्ट पर रोक बरकरार, हाईकोर्ट ने रोक हटाने से किया इनकार
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा 2023 को लेकर हाईकोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने परिणाम पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। अदालत में इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रही। कोर्ट के समक्ष परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट मामले में आदेश दिया था कि परिणाम को लंबे समय तक रोकना उचित नहीं है। इसी आधार पर उन्होंने कहा कि जांच जारी रखते हुए रिजल्ट जारी करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
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पेपर लीक के आरोप और सीबीआई जांच की मांग
हालांकि, इस दलील का अभ्यर्थियों के एक समूह ने विरोध किया। उनका कहना था कि सीजीएल परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक हुआ है, जिसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि जब्त मोबाइल में रिकॉर्ड प्रश्न पहले से मौजूद थे, जो परीक्षा प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पेपर लीक हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है और एसआईटी की जांच पर्याप्त नहीं होगी।
सरकार ने किया आरोपों का खंडन
वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि परीक्षा में किसी प्रकार का पेपर लीक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत तस्वीरें परीक्षा समाप्त होने के बाद की हैं और इन्हें आधार बनाकर पूरे परीक्षा को संदिग्ध नहीं ठहराया जा सकता। महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि गड़बड़ी की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जो विस्तृत रिपोर्ट अदालत को सौंपेगा। सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
सीआईडी की जांच और दर्ज मामले
इससे पहले पिछली सुनवाई में सरकार ने बताया था कि सीजीएल परीक्षा-2023 की गड़बड़ी की जांच सीआईडी कर रही है। सीआईडी ने इस मामले में अब तक दो केस दर्ज किए हैं। पहला मामला रांची पुलिस से टेकओवर कर दर्ज किया गया था, जो रातू थाने में दर्ज हुआ था। वहीं, दूसरा केस जेएसएससी की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इस बीच प्रकाश कुमार और अन्य की ओर से इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की गई है। फिलहाल अदालत ने परिणाम जारी करने पर रोक बरकरार रखते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही अगला कदम तय किया जाएगा।