झारखंड हाई स्कूल शिक्षक भर्ती विवाद: 2034 शिक्षकों की नियुक्ति पर कैविएट याचिका दायर
झारखंड में हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती का मामला एक बार फिर गरमा गया है। वर्ष 2016 की इस नियुक्ति प्रक्रिया में, टेट पास अभ्यर्थियों ने झारखंड हाई कोर्ट में एक कैविएट याचिका दायर की है। प्रार्थी मनोज कुमार गुप्ता की ओर से अधिवक्ता शेखर प्रसाद गुप्ता ने यह याचिका दायर करते हुए कोर्ट से अपील की है कि अगर राज्य सरकार या झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) इस मामले में कोई अपील दायर करते हैं, तो सुनवाई से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि ऐसा नहीं होने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एकल पीठ का आदेश के बाद दायर की गई है याचिका
यह याचिका जस्टिस डॉ. एस.एन. पाठक की एकल पीठ द्वारा दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद दायर की गई है। पीठ ने एक सितंबर को मीना कुमारी समेत 258 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 2034 शिक्षकों को नियुक्त करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने JSSC को आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं से आवेदन लेने और छह महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था। साथ ही, अदालत ने मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस डीएन उपाध्याय की अध्यक्षता में एक फास्ट ट्रैक इन्वेस्टिगेशन कमीशन भी बनाया था। इस कमीशन को तीन महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। अब JSSC इस आदेश के खिलाफ अपील करने की तैयारी में है, जिसे निरस्त करने की मांग की गई है।
दांव पर है लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य
इस मामले की जड़ 2016 में शुरू हुई 17,786 हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया है। JSSC ने 26 विषयों के लिए स्टेट मेरिट लिस्ट जारी की थी, लेकिन जिला और राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के कारण सैकड़ों योग्य अभ्यर्थी कट ऑफ से अधिक अंक लाने के बावजूद बाहर हो गए। ये अभ्यर्थी लगातार अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा है। इस विवाद ने हजारों युवाओं के भविष्य को अधर में लटका दिया है।
टेट अनिवार्यता पर भी पुनर्विचार याचिका
इसी बीच, राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी एक नई याचिका दायर की गई है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर इस फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की है। संघ का कहना है कि इस निर्णय से राज्य के करीब 30 हजार सेवारत शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि अब प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए भी TET पास करना अनिवार्य हो गया है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 5 अक्टूबर को दिल्ली में देश भर के शिक्षक संगठनों की एक बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें झारखंड, यूपी, एमपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के शिक्षक भाग लेंगे।
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