झारखंड हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश- JTET होने और रिजल्ट आने तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू न की जाए, मार्च तक ले लें परीक्षा
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मार्च 2026 तक झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) का आयोजन हर हाल में किया जाए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जब तक परीक्षा नहीं हो जाती और उसके परिणाम घोषित नहीं हो जाते, तब तक राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू न की जाए। यह आदेश जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें JTET में लंबे विलंब पर सवाल उठाए गए थे।
9 साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे उम्मीदवार
सुनवाई के दौरान अदालत ने शिक्षा सचिव को तलब कर नाराजगी जताई कि 2016 के बाद अब तक परीक्षा क्यों नहीं कराई गई। अदालत ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा नियुक्ति प्रक्रिया की रीढ़ है और इसे नजरअंदाज करना नियमों के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने दलील दी कि नौ साल से परीक्षा न होने के कारण हजारों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं।
401 अभ्यर्थियों ने दायर की है याचिका
इस मामले में हरिकेष महतो समेत 401 अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि सरकार ने नियमावली में 2016 में पास हुए उम्मीदवारों की वैधता आजीवन मान ली है, लेकिन उसके बाद परीक्षा आयोजित न करने से नए अभ्यर्थियों को अवसर नहीं मिला। इसके उलट बिना JTET के ही 26,001 सहायक आचार्यों की भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई, जो नियमविरुद्ध है।
मौलिक अधिकारों का हनन बताया
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि JTET पास किए बिना शिक्षक भर्ती संभव नहीं है। परीक्षा न होने से अभ्यर्थी प्रतियोगिता प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए, जिससे उनके अवसर छिन गए। यह स्थिति संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है और अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन भी। अदालत ने इसे गंभीर मामला मानते हुए सरकार को समयसीमा तय कर परीक्षा कराने का आदेश दिया।
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