झारखंड में 30-50-20 के फॉर्मूले पर ली जाएगी 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा, जानें झारखंड एकेडमिक काउंसिल का इसके पीछे का उद्देश्य
2026 में झारखंड बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए अहम खबर है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) अब परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। बोर्ड की योजना है कि अब सिर्फ पारंपरिक सवालों (Traditional Questions) तक ही सीमित न रहकर छात्रों से स्किल बेस्ड और सोचने-समझने की क्षमता परखने वाले सवाल भी पूछे जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना और उनमें क्रिटिकल थिंकिंग (Critical Thinking) व डीप एनालिसिस की क्षमता विकसित करना है।
बोर्ड का मानना है कि अब तक छात्र सिर्फ रटने की आदत में फंसे रहते थे, जिससे उनका कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं हो पाता था। लेकिन नए बदलावों के बाद छात्र विषयों को गहराई से समझकर उत्तर देने के लिए प्रेरित होंगे। इससे न केवल उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी बल्कि भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उन्हें फायदा मिलेगा।
विषयों में आएगा वैरायटी, मैथ्स, हिंदी और रीजनिंग भी होंगे शामिल
JAC बोर्ड की परीक्षा अब ज्यादा इंटरऐक्टिव और चैलेंजिंग होगी। बोर्ड ने तय किया है कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा में मैथ्स, हिंदी और रीजनिंग जैसे विषयों से भी सवाल पूछे जाएंगे। हालांकि यह कोई नया विषय नहीं होगा, बल्कि पारंपरिक विषयों में इनकी झलक देखने को मिलेगी। उदाहरण के लिए, हिंदी में भाषा की समझ और रीजनिंग आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जिससे छात्र की सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा ली जा सके।
इसके अलावा, सवालों को क्रिस्प और सोचने पर मजबूर करने वाले ढंग से तैयार किया जाएगा। इससे छात्रों को उत्तर देने से पहले गहराई से सोचने की आदत विकसित होगी। यह बदलाव शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक सोच और समझ भी देगा।
30-50-20 फॉर्मूला से होगा मूल्यांकन
झारखंड बोर्ड परीक्षा 2026 से एक नया मूल्यांकन पैटर्न लागू करेगा, जिसे “30-50-20 फॉर्मूला” नाम दिया गया है। इसके तहत, 30 अंक के ऑब्जेक्टिव (Objective) या मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQs) होंगे। 50 अंक के सब्जेक्टिव यानी छोटे और लंबे उत्तर वाले प्रश्न होंगे, जिससे छात्रों की लिखने और समझने की क्षमता जांची जाएगी। वहीं, बाकी 20 अंक प्रैक्टिकल या इंटरनल असेसमेंट के माध्यम से दिए जाएंगे।
इस नए ढांचे का मुख्य उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करना है। झारखंड बोर्ड का यह कदम छात्रों को केवल अंक लाने की दौड़ से निकालकर असल शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने की एक पहल है।
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