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IIT (ISM) धनबाद में खुलेगा क्रिटिकल मिनरल्स ऑब्जर्वेटरी का सैटेलाइट कैंपस, PM नरेंद्र मोदी ने की घोषणा

IIT (ISM) धनबाद में खुलेगा क्रिटिकल मिनरल्स ऑब्जर्वेटरी का सैटेलाइट कैंपस, PM नरेंद्र मोदी ने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IIT (ISM) धनबाद में UK–India Critical Minerals Supply Chain Observatory के सैटेलाइट कैंपस की स्थापना की घोषणा की। यह ऐलान मुंबई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया। इस पहल का मकसद भारत और यूके के बीच खनिजों की सुरक्षित और टिकाऊ सप्लाई चेन तैयार करना है। इस कदम से IIT धनबाद खनन, संसाधन और तकनीकी शोध का वैश्विक केंद्र बनकर उभरेगा।

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ऊर्जा और तकनीकी बदलाव को मिलेगा नया बल

यह सैटेलाइट कैंपस भारत के ऊर्जा संक्रमण और सतत विकास को गति देगा। यहां नीति निर्माण, रिसर्च और तकनीकी इनोवेशन पर काम होगा। IIT (ISM) का TexMin Foundation, जो साइबर फिजिकल सिस्टम पर काम करता है, इस परियोजना में अहम भूमिका निभाएगा। इसमें भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का समर्थन प्राप्त है। केंद्र में डिजिटल मैपिंग ऑब्जर्वेटरी भी होगी, जिससे खनिजों के आयात, निर्यात और उत्पादन की पूरी जानकारी डिजिटल रूप से जुटाई जा सकेगी।

देश-विदेश के संस्थान और कंपनियां होंगी साझेदार

IIT धनबाद में पहले से ही क्रिटिकल मिनरल्स पर काम कर रहा एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मौजूद है। इसमें सात विदेशी विश्वविद्यालय, कई भारतीय IITs और माइनिंग कंपनियां जुड़ी हैं। इस सेंटर का फोकस खासतौर पर क्रिटिकल मिनरल्स और रेयर अर्थ एलिमेंट्स की खोज, माइनिंग और प्रोसेसिंग पर है। इसमें ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान भी भागीदार हैं। भारत की इंडस्ट्री को भी इससे तकनीकी समाधान और शोध का बड़ा लाभ मिलेगा।

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‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा समर्थन, चीन पर निर्भरता होगी कम

IIT धनबाद के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि भारत सरकार इस मिशन पर तेजी से काम कर रही है। अभी दो महीने पहले शुरू हुए नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत देशभर में सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जा चुके हैं। 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश की योजना है। प्रो. धीरज ने कहा कि भारत में जो खनिज पहले चीन से आयात होते थे, अब उनकी घरेलू खोज और उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और कोलफील्ड क्षेत्रों में इन खनिजों की संभावना है, जिनकी जांच शुरू हो चुकी है।

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