IIM Ranchi राज्य के 11 जिलों के 46 प्रखंड प्रमुख व उप-प्रमुखों को दे रहा ग्राम स्वराज का प्रशिक्षण, पांच दिन में सीखेंगे 13 तरह के गुर
आईआईएम रांची में पंचायती राज निदेशालय के मार्गदर्शन से पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण 14 अक्तूबर को ख़त्म होगा। पांच दिवासीय प्रशिक्षण सत्र में राज्य के 11 जिलों के 46 प्रखंड प्रमुख व उप-प्रमुख शामिल हुए। जिन्हें राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्र की अध्यक्षता आईआईएम रांची के निदेशक प्रो. दीपक श्रीवास्तव ने की।
उन्होंने प्रतिभागियों को ग्रामीण क्षेत्र में मुखिया की भूमिका और नेतृत्व के सिद्धांत की जानकारी दी। कहा कि ग्रामीण विकास के लिए ग्राम प्रमुख का वैश्विक दृष्टिकोण होना जरूरी है। विकास की दिशा तय करने के लिए आज के परिप्रेक्ष्य में सोचना और निर्णय लेना होगा।
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जनजातीय क्षेत्रों में स्वरोजगार की संभावनाएं
उन्होंने कहा जनजातिय क्षेत्रों में स्वरोजगार की संभावनाएं सर्वाधिक है। जिसे अनुभव आधारित ज्ञान से वैश्विक पटल पर पहुंचाया जा सकता है। प्रो. दीपक ने ग्राम प्रमुखों को बदलते दौर की चुनौतियों के साथ संभावनाओं से अवगत कराया। साथ ही बतौर ग्राम प्रमुख बहुमुखी एंव रोजगार परक शिक्षा, तकनीक और नवाचार को अपने-अपने क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात कही।
कार्यक्रम निदेशक प्रो. श्वेता झा ने प्रखंड प्रमुखों का स्वागत किया और पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सत्र में नेतृत्व विकास, प्रशासनिक काम काज को सरल बनाने में डिजिटल तकनीक, व्यवहार विज्ञान की जरूरत, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, ग्राम विकास योजना, सामूहिक प्रयास से ग्रामीण पहल और बजट निर्माण की रणनीति पर जानकारी साझा की।

ग्राम प्रमुखों को मिल रही स्वशासन की बारीकियां
प्रो. श्वेता ने प्रतिभागियों को नेतृत्व कौशल, कार्य कुशलता के साथ प्रभावी ग्रामीण विकास योजना तैयार करने, जमीनी स्तर पर सतत विकास की रणनीति तैयार करने के सुझाव दिए। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों से सामाजिक सद्भाव और सहयोग की भवन विकसित करने पर बल दिया, और प्रतिभागियों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डीन कार्यकारी शिक्षा एवं परामर्श (ईईसी) प्रो. अमित सचान, चेयरपर्सन शॉर्ट ड्यूरेशन प्रोग्राम प्रो. मनीष बंसल और सह-कार्यक्रम निदेशक प्रो. सत्यम् व प्रो राजीव रंजन कुमार मौजूद रहे।
पांच दिन में ये गुर सीखेंगे ग्राम प्रमुख
- सीमित संसाधनों से स्थानीय समस्याओं का हल करने
- पंचायत स्तर पर सामूहिक प्रयास से रोजगार विकसित करने
- डिजिटल तकनीक को सूचनातंत्र के साथ समस्या समाधान के रूप में इस्तेमाल करने
- ग्राम विकास योजना एवं रणनीति तय कर करने की पद्धति
- पंचायत में मौजूद सरकारी भवन, स्कूल, जल स्रोत एवं अन्य संसाधनों का बहुआयामी उपयोग
- ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य-पोषण और स्वच्छता को बढ़ावा देने की रणनीति
- वंचित वर्गों तक सरकारी योजना के प्रचार
- ग्रामीण समस्या का प्रौद्योगिकी आधारित सामाधान
- किसान संगठनों को उचित बाजार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया
- ग्राम या पंचायत स्तर पर मुहैया होने वाले सरकारी बजट का सही इस्तेमाल करने
- सरकारी परियोजनाओं का उचित कार्यान्वयन
- प्रभावी संचार की तकनीक
- नेतृत्वकर्ता के रूप में मुखिया की जिम्मेदारियों की जानकारी
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