पूर्वी सिंहभूम : 1अगस्त से चार एकलव्य विद्यालयों में शुरू होगी पढ़ाई
East Singhbhum : पूर्वी सिंहभूम जिले के चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य जल्द शुरू होने वाला है। इन विद्यालयों के लिए विशेष संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। जिला कल्याण विभाग के अनुसार, प्रत्येक स्कूल में आठ-आठ शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। ये शिक्षक अनुबंध के आधार पर कार्यरत होंगे और उन्हें 32 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। विभाग ने बताया कि यह नियुक्ति प्रक्रिया जुलाई 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।
आठ-आठ शिक्षक होंगे हर विद्यालय में
जिले के चारों एकलव्य विद्यालयों – बहरागोड़ा, पोटका, डुमरिया और धालभूमगढ़ में आठ-आठ शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे विद्यालयों में पढ़ाई के लिए पर्याप्त शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध हो सकें। शिक्षक चयन के लिए जिला कल्याण विभाग द्वारा विशेष काउंसलिंग आयोजित की जा रही है, ताकि योग्य और अनुभवी उम्मीदवारों का चयन हो सके।
एक नजर में एकलव्य स्कूल
- बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
- 140 से 150 बच्चों का नामांकन हो चुका है
- बच्चों को मिलेगा आवास, भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें और स्वास्थ्य सुविधाएं
- विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय और खेलकूद
- सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत संचालित किया जाएगा
एक अगस्त से शुरू होंगी कक्षाएं
पूर्वी सिंहभूम जिले के इन विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत अगस्त 2025 के पहले सप्ताह से की जाएगी। शिक्षा विभाग ने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब अंतिम चरण में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षित वातावरण देने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
हर एकलव्य विद्यालय में 140 से 150 बच्चों का नामांकन हो चुका है। ये विद्यालय केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि बच्चों को आवास, भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे। विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय और खेलकूद की व्यवस्था की गई है। इन स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत संचालित किया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने किया पहल का स्वागत
आदिवासी समुदाय के लिए खोले जा रहे इन विद्यालयों की पहल का स्थानीय अभिभावकों ने स्वागत किया है। कई अभिभावकों ने कहा कि इससे उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही क्षेत्र में मिलेगी। हालांकि कुछ ने दूर-दराज क्षेत्रों से विद्यालय तक परिवहन सुविधा की मांग की है। इस पर जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि बच्चों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
पहले से तैयार भवन अब होंगे उपयोग में
बहरागोड़ा और पोटका में स्कूल की इमारतें पहले से बनकर तैयार थीं, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षणिक सामग्री की कमी के कारण कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही थीं। अब इन सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है और कक्षाएं विधिवत शुरू की जाएंगी।
प्रवेश परीक्षा से हुआ पारदर्शी चयन
नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में हजारों छात्रों ने भाग लिया और चयनित छात्रों की सूची जारी कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
क्या कहते हैं जिला कल्याण पदाधिकारी
जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद ने कहा, “हमारा प्रयास है कि एक अगस्त से सभी चार एकलव्य विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य पूरी तरह से शुरू हो जाए। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है और बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण देने की पूरी तैयारी की जा रही है।”