CM School of Excellence : सीबीएसई पैटर्न पर पहली परीक्षा; छात्रों का रहा शानदार प्रदर्शन
Ranchi: झारखंड सरकार द्वारा शुरू किए गए उत्कृष्ट विद्यालयों के छात्रों ने पहली ही बार में धमाकेदार प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से राज्यभर में साल 2023 में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत हुई थी। इन स्कूलों में सीबीएसई के तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हो रही है। इस साल पहली बार इन स्कूलों के छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए और परिणाम देख कर राज्य भर में खुशी की लहर दौड़ गई है।
10वीं में शिवलाल मेहता ने मारी बाजी, 96.6% अंक पाए
दसवीं की परीक्षा में जिला स्कूल मेदिनीनगर के छात्र शिवलाल मेहता ने 96.6% अंक लाकर टॉप किया। इसके अलावा बोकारो के अभय कुमार और अभिनव गुप्ता दोनों ने 95.4% अंक प्राप्त किए। लातेहार की अन्वेषा सिंह ने 95%, स्वर्णा राज ने 94.4% और प्रशंसा कुमार दुबे ने 93.6% अंक हासिल किए। नावाडीह बालिका विद्यालय की खुशी कुमारी ने 93% और देवघर के अभिषेक कुमार दत्ता ने 92.8% अंक प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि अब सरकारी स्कूल भी किसी से कम नहीं।
12वीं में भी कमाल, सुभाश्री वर्मा ने 96.4% अंक पाए
बारहवीं की परीक्षा में आर्ट्स संकाय से दुमका की सुभाश्री वर्मा ने 96.4% अंक लाकर टॉप किया। साइंस में मेदिनीनगर के ऋषि राज आनंद ने 96.2% अंक हासिल किए। गिरिडीह के जेसी बोस स्कूल की तीन छात्राओं—श्रेया पांडे, लक्ष्मी कुमारी और प्रज्ञा कुमारी ने क्रमश: 94.4%, 94.6% और 94.2% अंक प्राप्त किए।
वहीं कॉमर्स संकाय में हजारीबाग और रांची बरियातू की डॉली कुमारी और सृष्टि देवघरिया को 94% अंक मिले हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि हर संकाय में उत्कृष्ट विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस शानदार उपलब्धि पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सरकार का सपना था कि गरीब और सामान्य वर्ग के बच्चे भी अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाएँ। आज इन बच्चों ने ये साबित कर दिया कि अगर मौका मिले तो प्रतिभा किसी भी मंच पर चमक सकती है।
सरकारी स्कूलों की बदली तस्वीर
यह परीक्षा परिणाम यह भी दिखाता है कि अब सरकारी स्कूलों की पहचान बदल रही है। बेहतर शिक्षक, बेहतर माहौल और सीबीएसई पैटर्न की पढ़ाई से बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। आने वाले वर्षों में यह पहल झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।