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मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना: विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति, हर साल मिलेंगे 6 लाख रुपए, जल्द चुने जाएंगे बैंक

मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना: विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति, हर साल मिलेंगे 6 लाख रुपए, जल्द चुने जाएंगे बैंक

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने बैंकों के चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने बैंक चयन को लेकर एक विशेष मापदंड प्रणाली तैयार की है, जिसके अंतर्गत योग्य बैंकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। सभी पात्र बैंक नोडल विभाग के सक्षम पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुतीकरण देंगे, जिसका मूल्यांकन तय 100 अंकों के आधार पर किया जाएगा।

इन बिदुओं पर होगा बैंकों का चयन

  • छात्रों की पात्रता और नवीनीकरण प्रक्रिया की जांच (20 अंक)
  • विदेशी विश्वविद्यालयों में ट्यूशन फीस ट्रांसफर प्रक्रिया (20 अंक)
  • निर्वाह भत्ता भुगतान की प्रक्रिया (20 अंक)
  • टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन की समयसीमा (10 अंक)
  • सत्यापन शुल्क (20 अंक)
  • बैंक शुल्कों का आकलन (10 अंक)
  • प्रत्येक बिंदु पर बैंकों की क्षमता और सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। निर्धारित मानदंडों पर खरे उतरने वाले बैंक ही योजना में भाग ले सकेंगे।

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छात्रों को ट्यूशन फीस और निर्वाह भत्ता की मिलेगी पूरी सुविधा

मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना का उद्देश्य अनुसंधान और शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत विदेशों के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले झारखंड के छात्र-छात्राओं को पूरी ट्यूशन फीस और निर्वाह भत्ता के रूप में प्रत्येक वर्ष ₹6,00,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹50 करोड़ के वार्षिक बजट से संचालित किया जाएगा। छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के विदेशी या भारतीय बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिसके लिए चयनित बैंकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

बैंकों को समयबद्ध सेवाएं देनी होंगी

योजना में भाग लेने वाले बैंकों को कार्यादेश जारी होने के बाद एक माह के भीतर आवश्यक तकनीकी विकास और एकीकरण सुनिश्चित करना होगा। देरी की स्थिति में अंकों में कटौती का प्रावधान है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों को समय पर ट्यूशन फीस और निर्वाह भत्ता मिले, ताकि वे निर्बाध रूप से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। इस पहल से राज्य के होनहार विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन का अवसर मिलेगा, साथ ही झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा भी मिलेगी।

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