बोकारो के 14 हजार से ज्यादा SC, ST, OBC और माइनॉरिटी छात्रों को नहीं मिला स्कॉलरशिप, कल्याण विभाग कर रहा फंड का इंतजार
बोकारो जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को पिछले साल की छात्रवृत्ति अब तक नहीं मिली है। कक्षा 1 से 10 तक पढ़ने वाले 14 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इसमें शामिल हैं। इनमें लगभग 7 हजार 500 बच्चे कक्षा 1 से 8 तक और करीब 6 हजार 500 बच्चे कक्षा 9 और 10 के हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 की छात्रवृत्ति का भुगतान मार्च 2025 तक हो जाना चाहिए था, लेकिन पांच महीने गुजरने के बाद भी राशि छात्रों तक नहीं पहुंची है। बच्चे और उनके अभिभावक इस पैसे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जिला कल्याण विभाग बोला- फंड आते ही दी जाएगी
जिला कल्याण विभाग का कहना है कि सरकार से बजट का आवंटन नहीं होने के कारण छात्रवृत्ति की राशि का वितरण नहीं हो पा रहा है। बोकारो की जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजूर ने बताया कि जैसे ही राशि उपलब्ध होगी, छात्रों को भुगतान कर दिया जाएगा। विभाग की दलील है कि राशि मिलते ही वितरण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी। हालांकि, इसमें हो रही देरी का खामियाजा सीधे-सीधे गरीब छात्रों और उनके परिवारों को भुगतना पड़ रहा है।
ड्रॉप आउट रोकने के लिए बढ़ाई गई थी राशि
सरकार ने बच्चों का ड्रॉप आउट रोकने और पढ़ाई के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की थी। प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना नियमावली 2022 के तहत अब कक्षा 1 से 5 के छात्रों को 1500 रुपए, कक्षा 6 से 8 के छात्रों को 2500 रुपए और कक्षा 9-10 के छात्रों को 4500 रुपए दिए जाने का प्रावधान है।
छात्रावास में रहने वाले बच्चों को भी बराबर की राशि मिलनी है। पहले यह रकम काफी कम थी। कक्षा 1 से 4 के लिए 500 रुपए, 5 और 6 के लिए 1000 रुपए और कक्षा 7 से 10 के लिए 1500 रुपए तय थी। सरकार का मकसद था कि आर्थिक दिक्कतों की वजह से बच्चे पढ़ाई बीच में न छोड़ें।
फंड की उम्मीद में नए आवेदन की प्रक्रिया शुरू
वहीं इस साल की छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया गया है। सितंबर से आवेदन जमा होने लगे हैं, फिलहाल कक्षा 1 से 8 तक के लिए ही आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। कक्षा 9 और 10 के लिए आवेदन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में छात्रों और उनके परिवारों की चिंता दोगुनी हो गई है। एक तरफ पिछले साल की राशि अटकी है, दूसरी तरफ नए आवेदन की प्रक्रिया भी आधी-अधूरी है। बच्चे और उनके अभिभावक सवाल उठा रहे हैं कि जब पिछली स्कॉलरशिप का ही भुगतान नहीं हुआ है, तो नए साल की राशि मिलने में कितना वक्त लगेगा।