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BAU रांची को नहीं मिल पा रहे एसोसिएट प्रोफेसर, 35 आवेदन में 28 अयोग्य घोषित

BAU रांची को नहीं मिल पा रहे एसोसिएट प्रोफेसर, 35 आवेदन में 28 अयोग्य घोषित

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में एसोसिएट प्रोफेसर सह सीनियर साइंटिस्ट की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने बताया कि इस पद के लिए कुल 35 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन इनमें से 28 को विभिन्न कारणों से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। यह विज्ञापन वर्ष 2023 में निकाला गया था।
वहीं, नौ विषयों में प्रोफेसर सह चीफ साइंटिस्ट की नियुक्ति के लिए कुल नौ आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से पांच आवेदन खारिज कर दिए गए। आयोग ने इनकी सूची आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी है और उम्मीदवारों से 20 सितंबर 2025 तक आपत्ति आमंत्रित की है। आपत्ति दर्ज कराने के लिए उम्मीदवारों को निर्धारित ई-मेल bauobjection@jpsc.gov.in पर आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ आपत्ति भेजनी होगी। आयोग ने साफ किया है कि 14 मई 2023 के बाद जारी प्रमाण पत्र को मान्य नहीं माना जाएगा।

अनुभव प्रमाण पत्र के अभाव में कई आवेदन खारिज

जेपीएससी की ओर से जारी सूचना के अनुसार, प्रोफेसर सह चीफ साइंटिस्ट पद पर नियुक्ति के लिए कृषि अभियांत्रिकी (एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग) विषय से तीन आवेदन प्राप्त हुए थे। हालांकि, इनमें सात वर्षों का अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न नहीं होने के कारण सभी तीनों उम्मीदवारों को अयोग्य ठहरा दिया गया। इसी प्रकार मत्स्य विज्ञान (फिशरी साइंस) के अंतर्गत प्रोसेसिंग एंड फिशरी साइंस विषय से आए दो आवेदन भी अनुभव प्रमाण पत्र की कमी और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के कारण खारिज कर दिए गए। इस तरह नौ में से कुल पांच आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि पात्रता मानदंड पूरे नहीं करने वाले किसी भी उम्मीदवार को इस नियुक्ति प्रक्रिया में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

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पारदर्शिता पर जोर, उम्मीदवारों को मौका

आयोग का कहना है कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चलाई जा रही है। अयोग्य घोषित किए गए उम्मीदवारों को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अवसर दिया जाएगा। आपत्ति की समय सीमा के बाद आयोग सभी दावों की जांच कर अंतिम सूची जारी करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों का खारिज होना यह दर्शाता है कि उम्मीदवारों ने या तो विज्ञापन की शर्तों को ठीक से नहीं पढ़ा या फिर अनुभव व योग्यता संबंधी दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं करा पाए। फिलहाल, योग्य उम्मीदवारों में उम्मीद बढ़ गई है कि नियुक्ति प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी। बीएयू के शिक्षाविदों का मानना है कि यह कदम विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा और शोध के स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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