झारखंड की 3.54 लाख छात्राओं को मिलेंगे ₹250 करोड़, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत शुरू हुई राशि ट्रांसफर की तैयारी
झारखंड सरकार इस माह राज्य की 3.54 लाख छात्राओं के बैंक खातों में ₹250 करोड़ की राशि ट्रांसफर करने जा रही है। यह भुगतान सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत किया जाएगा। समाज कल्याण निदेशालय ने राशि वितरण की तैयारी पूरी कर ली है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना के प्रथम चरण के रूप में यह राशि सीधे लाभार्थी छात्राओं के बैंक खातों में भेजी जाएगी। इस साल आवेदन और भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ई-कल्याण पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
योजना के तहत हर छात्रा को मिलते हैं कुल ₹40,000
इस योजना के तहत राज्य सरकार आठवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को हर वर्ष आर्थिक सहायता देती है। कक्षा 8वीं और 9वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को ₹2,500 प्रति वर्ष, जबकि कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं की छात्राओं को ₹5,000 प्रति वर्ष दिए जाते हैं।
इसके अलावा, जब छात्रा 18 वर्ष की आयु पूरी करती है, तो उसे एकमुश्त ₹20,000 “एकजुटता राशि” के रूप में मिलते हैं। इस तरह एक छात्रा को योजना की पूरी अवधि में कुल ₹40,000 का लाभ प्राप्त होता है। इस योजना का लाभ केवल झारखंड की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को ही मिलेगा।
योजना के आवेदन और पात्रता की शर्तें जानें
योजना के लिए आवेदन करते समय छात्रा को बैंक पासबुक की प्रति, सही बैंक खाता विवरण और स्कूल प्रमाणपत्र देना आवश्यक है। आवेदन का नाम बैंक खाते से मेल खाना चाहिए। 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद छात्रा को अंतिम किस्त का लाभ मिलेगा। पिछले वर्ष 3.50 लाख छात्राओं को इस योजना का लाभ मिला था, जबकि इस बार यह संख्या 3.54 लाख हो गई है। यह वृद्धि राज्य सरकार की सक्रिय मॉनिटरिंग और डिजिटल प्रक्रिया की वजह से संभव हुई है।
गुमला जिले में है सबसे अधिक लाभार्थी
राज्य के सभी जिलों में छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। सबसे अधिक लाभार्थी गुमला (24,588), पलामू (22,258) और रामगढ़ (21,880) जिले में हैं। इसके अलावा देवघर में 16,388, जामताड़ा में 16,315, हजारीबाग में 15,572, कोडरमा में 20,341, रांची में 21,514, सरायकेला में 18,252, और धनबाद में 18,102 छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा। वहीं गढ़वा में 6,354, लातेहार में 6,724, और पूर्वी सिंहभूम में 5,192 छात्राएं लाभान्वित होंगी। कुल मिलाकर 22 जिलों की 3.54 लाख छात्राओं को इस योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाएगी।
शिक्षा में सुधार और ड्रॉपआउट में कमी
किशोरी समृद्धि योजना का असर राज्य के स्कूलों में साफ नजर आ रहा है। योजना शुरू होने के बाद छात्राओं का नामांकन बढ़ा है और स्कूल छोड़ने की दर लगातार घट रही है। वर्ष 2021 में मैट्रिक परीक्षा में 2.21 लाख छात्राएं शामिल हुई थीं, जबकि 2022 में यह संख्या बढ़कर 2.28 लाख हो गई। केंद्रीय रिपोर्टों के अनुसार, झारखंड में प्राथमिक स्तर पर 4.30%, उच्च प्राथमिक स्तर पर 1.77%, और माध्यमिक स्तर पर 0% ड्रॉपआउट रेट दर्ज किया गया है।
पिछले वर्ष मैट्रिक परीक्षा में 92% छात्राएं और 90% छात्र सफल हुए थे। वहीं, 2024 में पास प्रतिशत छात्राओं का 80.70% और छात्रों का 91.09% रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, किशोरी समृद्धि योजना ने लड़कियों को पढ़ाई जारी रखने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।
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