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झारखंड सरकार चलाएगी बोकारो-गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेज, 630 स्थायी पदों पर नियुक्ति भी होगी

झारखंड सरकार चलाएगी बोकारो-गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेज, 630 स्थायी पदों पर नियुक्ति भी होगी

बोकारो और गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेजों का संचालन झारखंड सरकार खुद करेगी। अब तक इन कॉलेजों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाने का प्रयास किया गया था, लेकिन दो-दो बार टेंडर निकलने के बावजूद कोई निजी संस्थान आगे नहीं आया। इसके बाद राज्य सरकार ने इन दोनों संस्थानों को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में संचालित करने का विकल्प चुना। इससे पहले पलामू इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन भी सरकार ने अपने हाथ में लिया था।

प्रवेश प्रक्रिया और एआईसीटीई की मान्यता

एआईसीटीई की मान्यता मिलने के बाद पहली बार बोकारो और गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेजों में झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (JCECE) के माध्यम से नामांकन हुआ है। इस कदम को राज्य के तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि अब इन कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर और बेहतर होगा तथा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

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630 स्थायी पदों पर नियुक्ति जल्द

दोनों इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 630 स्थायी पदों का सृजन किया गया है, जिन पर शीघ्र ही बहाली की जाएगी। बोकारो कॉलेज में 85 शैक्षणिक और 125 गैर-शैक्षणिक पदों यानी कुल 210 पदों पर नियुक्ति होगी।

वहीं, गोड्डा कॉलेज में 170 शैक्षणिक और 250 गैर-शैक्षणिक पदों सहित कुल 420 पदों की बहाली होगी। शैक्षणिक पदों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर, डायरेक्टर और वर्कशॉप सुप्रिटेंडेंट शामिल हैं। इन कॉलेजों के संचालन में सिर्फ वेतन मद पर ही सालाना लगभग 41.88 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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कंप्यूटर दक्षता होगी अनिवार्य

नियुक्तियों में कंप्यूटर दक्षता को अनिवार्य शर्त बनाया गया है। राज्य मंत्रिपरिषद और प्रशासकीय पदवर्ग समिति ने पद सृजन की मंजूरी इस सुझाव के साथ दी है कि बोकारो और गोड्डा इंजीनियरिंग कॉलेज आत्मनिर्भर संस्थान के रूप में कार्य करें। आने वाले वर्षों में वेतन और स्थापना खर्च का भार भी इन्हें स्वयं उठाना होगा। सरकार का मानना है कि इससे संस्थान न केवल राज्य के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और उच्च शिक्षा के अवसर भी उपलब्ध कराएंगे।

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