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गोड्डा के 171 सरकारी स्कूलों में तड़ित चालक नहीं, 40 हजार बच्चों की जान पर खतरा

गोड्डा के 171 सरकारी स्कूलों में तड़ित चालक नहीं, 40 हजार बच्चों की जान पर खतरा

गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। प्रखंड क्षेत्र के कुल 171 सरकारी स्कूलों में तड़ित चालक (Lightning Conductor) नहीं लगे हैं। ऐसे में लगभग 40 हजार बच्चों की जान पर हर समय खतरा मंडरा रहा है। मानसून के मौसम में वज्रपात की घटनाएं लगातार होती हैं और कई बार जानलेवा भी साबित होती हैं। यही कारण है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं। उनका कहना है कि अगर विभाग ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

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10 साल पहले लगे थे, एक साल में ही हुए खराब

विभागीय जूनियर इंजीनियर योगेश रंजन के मुताबिक साल 2005-06 में सरकार की ओर से सभी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने की पहल की गई थी। उस समय करीब 36 हजार रुपये की लागत से अधिकांश विद्यालय भवनों पर उपकरण लगाए गए थे। लेकिन यह पहल लंबे समय तक कारगर साबित नहीं हो सकी। एक वर्ष के भीतर ही अधिकतर तड़ित चालक या तो चोरी हो गए या फिर जंग लगने के कारण बेकार हो गए। इसके बाद से आज तक किसी भी स्कूल में नए तड़ित चालक नहीं लगाए गए हैं। नतीजतन, विद्यालय भवन हर साल बरसात में सीधे वज्रपात की चपेट में आने के खतरे से घिरे रहते हैं।

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171 स्कूलों में पढ़ रहे 40 हजार बच्चे

ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर (BPO) मनोज बालहंस से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में 54 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, 43 प्राथमिक विद्यालय, 39 उत्क्रमित मध्य विद्यालय, 16 मध्य विद्यालय, 14 उत्क्रमित उच्च विद्यालय, 4 उच्च विद्यालय और एक कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 30 सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसे भी शिक्षा दे रहे हैं। इन सभी संस्थानों में प्रतिदिन हजारों बच्चे और शिक्षक मौजूद रहते हैं। बारिश के मौसम में वज्रपात का खतरा अधिक होता है। विद्यालय भवन सीधा निशाना बन सकते हैं। इस स्थिति में बच्चों और शिक्षकों की जान जोखिम में है।

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सुरक्षा को लेकर अभिभावकों ने की मांग

अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग को बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उनका आरोप है कि अभी तक विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वर्तमान में बारिश के दौरान बच्चों को स्कूल भेजने में परिवारों को डर लग रहा है। अभिभावकों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की है कि सभी विद्यालयों में तत्काल नए तड़ित चालक लगाए जाएं। उनका कहना है कि सुरक्षित वातावरण मिलने पर ही वे निश्चिंत होकर बच्चों को स्कूल भेज पाएंगे।

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