बच्चों के बीच शिक्षक बनकर पहुंचे हजारीबाग के डीसी, गणित- विज्ञान पढ़ाई, औचक निरीक्षण करने पहुंचे
सरकारी दफ्तरों में अक्सर अधिकारियों को बैठकों का नेतृत्व करते हुए देखा जाता है, लेकिन हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह अपनी अलग कार्यशैली के लिए चर्चित हैं। औचक निरीक्षण के दौरान वे सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच पहुंचकर खुद शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। हाल ही में जिले के विष्णुगढ़ स्थित एक उत्क्रमित उच्च विद्यालय में निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों से किताबें पढ़वाईं और फिर खुद गणित व विज्ञान के पाठ पढ़ाने लगे। बच्चों के साथ उनकी कक्षा न केवल पढ़ाई का अनुभव बनी, बल्कि बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाने का अवसर भी मिला।
बच्चों से ली पढ़ाई की जानकारी
निरीक्षण के दौरान डीसी ने यह जानने की कोशिश की कि बच्चे किन विषयों में ज्यादा मेहनत कर रहे हैं और किनमें पिछड़ रहे हैं। वे बच्चों से सवाल पूछते रहे और उन्हें पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा भी दी। इस दौरान बच्चों ने भी उत्साह से भाग लिया और कक्षा का माहौल जीवंत हो गया। डीसी ने कहा कि पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को बेहतर बनाने का साधन है। उन्होंने बच्चों को कठिन विषयों में डरने के बजाय अभ्यास करने की सलाह दी।
शिक्षकों से भी ली गई राय
डीसी शशि प्रकाश सिंह ने विद्यालय में मौजूद शिक्षकों से भी बातचीत की और उनसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सुझाव लिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई की रणनीति तैयार करनी होगी। औचक निरीक्षण के दौरान यह भी देखा गया कि कई बच्चे औसत से नीचे स्तर के हैं और उन्हें अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है। डीसी ने आश्वस्त किया कि बच्चों की पढ़ाई बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
शिक्षा सुधार को लेकर बनेगी रूपरेखा
डीसी ने बताया कि अब तक किए गए निरीक्षणों में ज्यादातर व्यवस्थाएं ठीक पाई गई हैं, लेकिन कुछ विषयों में बच्चों को और मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक की जाएगी, ताकि सामूहिक रूप से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया जा सके। उनका मानना है कि जब अधिकारी और शिक्षक मिलकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देंगे, तभी सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदली जा सकेगी।