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जेएसएससी ने जारी किया सहायक आचार्य परीक्षा का संशोधित रिजल्ट परिणाम, 4,333 अभ्यर्थी सफल

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा एक से पांच) नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी कर दिया। इस संशोधित सूची में कुल 4,333 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। पहले जारी परिणाम में 4,817 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। यानी इस बार 484 अभ्यर्थी कम हो गए। यह परीक्षा कुल 11 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित हुई थी, लेकिन संशोधित परिणाम आने के बाद 6,667 पद अब भी खाली रह गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संशोधन

आयोग ने यह कदम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर उठाया है। पहले जारी परिणाम में जेटेट उत्तीर्ण आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को दोहरा लाभ दिया गया था। उनके प्राप्तांक के आधार पर उन्हें अनारक्षित श्रेणी में चयनित कर लिया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नियमों के खिलाफ माना। अब आदेश के अनुसार जेटेट के आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को उनकी मूल कोटि में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसी तरह, पारा शिक्षक श्रेणी में अधिकतम आयु सीमा की छूट पाने वाले अभ्यर्थियों को भी अनारक्षित से हटाकर उनकी आरक्षित कोटि में समायोजित किया गया।

लंबित रखा गया कुछ अभ्यर्थियों का परिणाम

संशोधित परिणाम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि हाईकोर्ट से आने वाले अंतिम आदेश का असर इस परिणाम पर होगा। वहीं, जिन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र स्पष्ट नहीं थे, उनका परिणाम फिलहाल रोक दिया गया है। विभागीय मार्गदर्शन मिलने के बाद उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित किया जाएगा। आयोग ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को न्यायालय के आदेशों के अनुरूप और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा रहा है।

अन्य विषयों का परिणाम जारी होना बाकी

गौरतलब है कि आयोग ने इससे पहले स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा छह से आठ) नियुक्ति परीक्षा का गणित एवं विज्ञान विषय का परिणाम जारी किया था। हालांकि भाषा और सामाजिक विज्ञान विषयों का परिणाम अब तक लंबित है। शिक्षा विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है कि आयोग द्वारा बार-बार परिणाम संशोधित किए जाने से अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हजारों पद खाली रहने से नियुक्ति प्रक्रिया की गति पर भी सवाल उठ रहे हैं। अभ्यर्थियों की उम्मीदें अब कोर्ट के अंतिम आदेश और आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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