हजारीबाग के उमवि गरडीह का हाल: तीन क्लासेस, एक बरामदा, एक ब्लैकबोर्ड, कमरे जर्जर
Hazaribagh: उग्रवाद प्रभावित और आदिवासी बाहुल्य डाडीघाघर पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय गरडीह में छात्रों की शिक्षा बदहाल स्थिति में चल रही है। विद्यालय में कमरे की भारी कमी है और बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। चार कमरों में से दो पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, जिनकी छत से लगातार बारिश में पानी टपक रहा है। ऐसे में दो ही कमरे और एक बरामदे में पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई कराई जा रही है।
तीन कक्षाएं, एक बरामदा, एक ब्लैकबोर्ड
विद्यालय में स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एक ही बरामदे में तीन अलग-अलग कक्षाओं की पढ़ाई कराई जा रही है। शिक्षकों को एक ही ब्लैकबोर्ड पर दो कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है और शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। भीड़भाड़ और शोरगुल के बीच बच्चों के लिए एकाग्रता बनाए रखना कठिन हो गया है।
शिक्षक भी मजबूर, ढांचागत सुविधाएं नदारद
विद्यालय में फिलहाल दो सरकारी शिक्षक और दो सहायक अध्यापक कार्यरत हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिनेश रविदास और सहायक अध्यापक जयशंकर प्रजापति की मानें तो कई बार विभागीय अधिकारियों को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीयों की मांग, बच्चों का भविष्य अधर में
स्थानीय ग्रामीणों, पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह, मोहन मांझी और जितन सिंह सहित अन्य लोगों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि विद्यालय में जल्द से जल्द अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया जाए। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो बच्चों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
क्या कह रहे हैं अधिकारी
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नागेश्वर सिंह ने इस मामले में जानकारी नहीं होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अब मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और वे इसकी जांच कराकर प्रस्ताव जिला कार्यालय को भेजेंगे। समस्या का समाधान अवश्य किया जाएगा।