नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी पलामू के शिक्षक और कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाएंगे तभी मिलेगी सैलेरी, जल्द शुरू होगी व्यवस्था
नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय (NPU) अब अपने कर्मचारियों और शिक्षकों की सैलरी देने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम शुरू करने जा रहा है। इसका मकसद समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करना और कामकाज में पारदर्शिता लाना है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि यह व्यवस्था पहले प्रशासनिक कार्यालयों में लागू की जाएगी। इसके बाद इसे धीरे-धीरे सभी कॉलेजों में भी शुरू किया जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद कर्मचारी और शिक्षक रोजाना अपनी हाजिरी उंगली के निशान से लगाएंगे, जिससे अनुपस्थित रहने वालों पर नजर रखी जा सकेगी।
केवल स्थायी स्टाफ के लिए होगा लागू
इस प्रणाली में फिलहाल केवल नियमित (स्थायी) कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी शामिल किए जाएंगे। आउटसोर्स या अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक बायोमेट्रिक सिस्टम से न सिर्फ उपस्थिति पर नियंत्रण रहेगा, बल्कि सैलरी भुगतान की प्रक्रिया भी और आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कई बार रजिस्टर में हाजिरी दर्ज होने के बावजूद कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचते हैं, ऐसे मामलों पर अब लगाम लगेगी।
अब तक रजिस्टर में बनाते थे अटेंडेंस
अब तक विश्वविद्यालय में हाजिरी रजिस्टर के जरिए लगाई जाती थी, जिससे उपस्थिति की सही जानकारी मिलना मुश्किल होता था। झारखंड के कई सरकारी दफ्तरों में पहले से बायोमेट्रिक सिस्टम लागू है, उसी तर्ज पर NPU ने भी यह कदम उठाया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस नई व्यवस्था से जवाबदेही बढ़ेगी और शिक्षण संस्थानों में अनुशासन कायम रहेगा। अधिकारियों के मुताबिक, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले महीनों में इसे सभी कॉलेजों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
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