
Ranchi: झारखंड सरकार ने अब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के छात्रों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देने का फैसला लिया है। कल्याण विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शुरुआत में जेपीएससी और जेएसएससी की परीक्षाओं के लिए कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी भी इस योजना के दायरे में लाई जाएगी। फिलहाल यह योजना सिर्फ अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए थी, लेकिन सरकार पर लंबे समय से एससी वर्ग को शामिल करने का दबाव था।
प्रस्ताव मंत्री और कैबिनेट के पास जाएगा
विभागीय मंत्री की स्वीकृति के बाद इस प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास भेजा जाएगा और वहां से कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, एसटी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कोचिंग देने वाली एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और उनके लिए स्थल भी तय हो चुका है। वहीं एससी छात्रों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। संभावना है कि राजधानी रांची में सरकारी भवन या भाड़े के मकान में यह कोचिंग सेंटर संचालित होंगे।
पात्रता और शर्तें तय
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं एससी छात्रों को मिलेगा, जो झारखंड के मूल निवासी हों और जिनके माता-पिता आयकर दाता न हों। पात्र छात्रों के पास आधार कार्ड, एससी प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा। साथ ही स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा अच्छे अंकों से पास करना जरूरी है। सरकार ने यह भी तय किया है कि कोचिंग के साथ-साथ छात्रों के लिए रहने और भोजन की मुफ्त व्यवस्था होगी। केंद्र में लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।
सरकार पर भेदभाव से बचने का दबाव
राज्य में एससी आबादी लगभग 10 फीसदी है। एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग को पहले ही कोचिंग योजना में शामिल किया जा चुका था, जबकि पिछड़ी जाति और अत्यंत पिछड़ी जाति अभी भी इससे बाहर हैं। रणनीतिकारों का मानना था कि अगर एससी को शामिल नहीं किया गया तो सरकार पर भेदभाव का आरोप लग सकता है। यही कारण है कि एससी कोटे के विधायकों ने इस पर जोर दिया। कल्याण सचिव केएन झा ने कहा कि राज्य सरकार वंचित वर्ग के गरीब छात्रों के बेहतर भविष्य को लेकर संवेदनशील है और जल्द ही एसटी व अल्पसंख्यक बच्चों की नि:शुल्क कोचिंग भी शुरू की जाएगी।